UP: सरकारी योजनाओं के लभार्थियों का सत्यापन करवाएगी योगी सरकार, पारदर्शिता के साथ चुनावी हित भी!

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UP: सरकारी योजनाओं के लभार्थियों का सत्यापन करवाएगी योगी सरकार, पारदर्शिता के साथ चुनावी हित भी!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

योगी सरकार (Yogi Government) की इस कवायद के पीछे चुनावी तैयारी भी माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस डाटाबेस के माध्यम से सरकार यह पता लगाएगी कि कितने लोगों तक योजनाओं का लाभ मिला, ताकि उन्हें साधा जा सके.

लखनऊ. कोरोना महामारी काल (Corona Pandemic) के बीच सरकारी योजनाओं (Government Schemes) में पारदर्शिता बरतने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) की तरफ़ से नई मुहिम शुरू करने की कवायद चल रही है. जिसके तहत केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की तरफ़ से चलायी जा रही जनहित की योजनाओं में कोई धांधली न हो रही हो इसका सत्यापन करवाया जाएगा. इसके लिए आधार को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. तय की गयी रणनीति के मुताबिक़ लभार्थियो की आधार सिडिंग और सत्यापन कराया जाएगा. माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम के पीछे पारदर्शिता  के साथ ही 2022 का विधानसभा चुनाव भी है.

आपको बताते चलें पहले ही केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की योजनाओं से लोगों को लाभान्वित करने के लिए जनधन खाते को आधार लिंक कर डिबिटीके माध्यम से पैसे ट्रान्स्फ़र करने की योजना शुरू की गयी है. जिससे बड़े पैमाने पर पारदर्शिता के साथ लोगों को इसका लाभ भी मिला. लेकिन पिछले दिनों कोरोना काल में भी चल रहे भ्रष्टाचार के खेल की जांच के लिए योजनाओं से सम्बंधित लोगों के खातों का सत्यापन किया जाएगा.

इन जिलों में तैयार किया जा रहा डाटा बेस

यह भी बता दे कि आधार सत्यापन के लिए गोरखपुर, श्रावस्ती, मुरादाबाद,चित्रकूट और सोनभद्र ज़िलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डाटा बेस तैयार किया जा रहा है. डाटा बेस तैयार करने के लिए नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव कुमार कमलेश की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. ये टीम पहले 5 ज़िलों में आधार सिडिंग और सत्यापन के लिए डाटाबेस तैयार करने में जुटेगी. जिसके बाद क्रमवार 75 ज़िलों में योजनाओं का सत्यापन किया जाएगा.चुनावी तैयारी भी

हालांकि सरकार के इस कदम को 2022 कि चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि चुनावी तैयारियों से पहले ये सिनिश्चित किया जाना है की सरकार की तरफ़ से दी जाने वाली योजनाओं का फ़ायदा कुल कितने लोगों को किस रूप में मिल रहा है ताकि आगे चलकर डेटाबेस तैयार के उनको साधने में आसानी होगी.



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