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यूपी में बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी की आहट से विपक्ष हमलावर हो गया है.
उत्तर प्रदेश में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी की आहट के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कोरोना काल में इस निर्णय को जनविरोधी करार दिया है.
कांग्रेस ने किया सड़क से सदन तक विरोध का ऐलान
उत्तर प्रदेश काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कहते हैं कि कोरोना महामारी से जहां आम आदमी की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. रोजी-रोजगार छिन गया है. खाने का संकट खड़ा हो गया है. लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं. उसके बावजूद ये सरकार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में रिकार्डतोड़ बढ़ोत्तरी करने के बाद अब बिजली की दर बढ़ाने जा रही है. उन्होंने कहा कि ये सरकार कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम आदमी की जेब में डाका डालने का काम कर रही है. ये आम आदमी, गरीब और किसान विरोधी सरकार है. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस कोरोना संकट के दौरान उत्तर प्रदेश में बिजली दरो की बढ़ोत्तरी का सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी और आम आदमी के हितो के लिये संघर्ष करेगी.
जनता का दर्द कम करने की बजाए बढ़ा रही योगी सरकारदूसरी तरफ प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने भी बिजली दरो के स्लैब परिवर्तन के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की तैयारी कर रही योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. सुनील सिंह साजन कहते हैं, ‘कोरोना और लॉकडाउन के बाद करोड़ों नौकरियां जा चुकी हैं. व्यापार चौपट है. कमाई ठप है. बजाय उनके दर्द को कम करने के योगी सरकार फिर बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही है. कर्मचारियों का पीएफ खाने वाली यह जनविरोधी सरकार फिर जनता का खून चूसने की तैयारी में है.’
ये है प्रस्ताव
दरअसल, उत्तर प्रदेश प्रदेश पाँवर कॉरपोरेशन ने बिजली दरों के स्लैब में बदलाव के लिये विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव सौप दिया है. जिसमें बिजली दरों के मौजूदा 80 स्लैब को घटाकर 53 करने का सुझाव दिया गया है. इसमें बीपीएल परिवारों को छोड़कर शहरी घरेलू के लिए 3 स्लैब और कमर्शियल, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 2 स्लैब बनाने का प्रस्ताव दिया गया है.
आयोग करेगा अंतिम फैसला
हालांकि, भारी उद्योग के स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा. बिजली दरों के स्लैब में बदलाव होने से शहरी उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा क्योकि इससे बिजली के बिल में 3 से 4 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. वैसे यूपीपीसीएल के इस प्रस्ताव के साथ बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का अंतिम फैसला विद्युत नियामक आयोग ही करेगा.
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