UP कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री बोले- गांधी परिवार के अलावा किसी में भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की क्षमता नहीं

[ad_1]

अयोध्या. नई दिल्ली में जारी कांग्रेस कार्यसमिति (CWC Meeting) बैठक के बीच काफी उथलपुथल वाला माहौल देखने को मिल रहा है.  सूत्रों के मुताबिक, पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुछ कांग्रेसी नेताओं पर बीजेपी से साठगांठ का आरोप लगाया, जिसपर कपिल सिब्‍बल (Kapil Sibal) समेत कई नेताओं ने ने अपना दर्द बयां किया. हालांकि बाद में पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया कि राहुल की तरफ से ऐसी कोई नहीं की गई है, जिसके बाद सिब्बल ने अपने शब्द वापस भी ले लिए. इस बीच जिन 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा नए अध्यक्ष की मांग को लेकर चर्चा हो रही है उसमें यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री निर्मल खत्री (Nirmal Khtri) भी कूद पड़े हैं. उन्होंने भी पत्र लिखकर कहा है कि गांधी परिवार के अलावा किसी भी कांग्रेसी नेता में पार्टी नेतृत्व की क्षमता नहीं है.

उन्होंने भी खुला पत्र लिखते हुए कहा आज उन कांग्रेसी नेताओं के पत्र की बहुत चर्चा है. उसी के संदर्भ में सबसे पहली बात मैं यह कहना चाहूंगा कि वह पत्र जो अखबारों में छपा उसे इन्हीं नेताओं में से किसी ने लीक कर छपवाया. चूंकि यह प्रकरण इन नेताओं द्वारा ही सार्वजनिक किया गया है व इसका खंडन भी किसी ने नही किया है, अतः मैं भी अपनी राय सार्वजनिक तौर पर रखने के लिए स्वतंत्र हूं.

गांधी परिवार के अलावा कोई नहीं कर रहा बीजेपी से संघर्ष

सीडब्लूसी की बैठक के बीच गांधी परिवार से अपनी वफादारी को जताते हुए निर्मल खत्री ने लिखा, यह अच्छी बात है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पूर्वकालिक होना चाहिए. लेकिन मेरी राय में गांधी परिवार के अतिरिक्त किसी भी नेता में पूरे देश के कार्य कर्ताओं और जनता को अपने साथ जोड़ने की शक्ति नहीं है. साथ ही यही परिवार भाजपा सरकार के विरोध में संघर्ष कर भी रहा है और क्षमता भी रखता है. मैंने अन्य किसी भी नेता में इस क्षमता का पूर्वरूपेण अभाव देखा है. उसका कारण चाहे जो भी रहा हो. अकेले राहुल गांधी ही मोदी सरकार के खिलाफ बोलते दिखाई देते हैं. मेरी राय में सोनिया गांधी यदि इस दायित्व को संभालती रहे तो उत्तम है, लेकिन स्वास्थ सम्बन्धी कारणों से यह सम्भव न हो तो राहुल गांधी को इस पद को संभालना चाहिए. यदि वे न चाहे तो भी कांग्रेस पार्टी के हित में उन्हें ही यह दायित्व सौपना चाहिए और प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव (संघठन) बनाया जाना चाहिए.

पत्र लिखने वाले नेताओं ने किया था ब्लॉक स्तर पर चुनाव का विरोध

उन्होंने आगे लिखा, ” इन नेताओं द्वारा संघठन में ब्लॉक स्तर तक चुनाव कराने की बात की गई है. सिद्धान्त में तो यह जुमला काफी अच्छा है, लेकिन व्यवहार में मैंने पिछले संघठनात्मक चुनाव के समय यह स्वयं देखा है कि जब केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण और उसके सर्वेसर्वा मधुसूदन मिस्त्री नीचे तक चुनाव की प्रक्रिया कराने के लिए कटिबद्ध थे, तब इनमे से अधिकांश नेता अपनी-अपनी लिस्ट लेकर चुनाव प्राधिकरण पर बगैर चुनाव उसे घोषित करने के लिए दबाव बना रहे थे. मिस्त्री अडिग थे और जैसा कि मुझे पता है राहुल भी निचले स्तर तक चुनाव चाहते थे. फिर भी इन लोगों के दबाव के चलते कांग्रेस नेतृत्व द्वारा यह अंतिम चरण के काम को करने की जिम्मेदारी संबंधित कमेटी के महासचिवों को दे दी गयी और उसका परिणाम यह रहा है कि चुनाव की जगह इन लोगों ने मनचाहा मनोनयन किया. इसलिए आज किस मुंह से यह नेता संघठन के ब्लॉक स्तर के चुनाव की बात कर रहे हैं, जबकि यही इस प्रणाली के विरोध में अतीत में दिखायी दिए है.”

निर्मल खत्री ने आगे लिखा, ” सीडब्लूसी के चुनाव कराने की बात भी की गयी है. जबकि इनमे से कुछ CWC के सदस्य भी है. मैं इनसे पूछना चाहूंगा कि जब वर्ष 2019 के चुनाव में माननीय राहुल गांधी ने पार्टी की हार के बाद अपने ऊपर सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था तो उस समय इसके सदस्यों ने भी अपनी कुछ जिम्मेदारी समझते हुए इस्तीफा क्यों नही दिया.”

गांधी परिवार के अलावा किसी नेता की नहीं है मांग

निर्मल खत्री ने गांधी परिवार की अहमियत को बताते हुए लिखा, “आखिर क्या कारण है चुनावों के समय देश के सभी हिस्सों से कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा सभा करने हेतु नेताओं को बुलाने की मांग सिर्फ गांधी परिवार के लिए ही होती है. अन्य नेताओं की नगण्य सी मांग यह साबित करता है कि वह प्रत्याशी यह समझता है कि इस परिवार का कोई सदस्य ही उसके क्षेत्र में आकर जनता का समर्थन उसे दिला सकता है.”



[ad_2]

Source link

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *