Mau Encounter: एक लाख के इनामी हनुमान पांडे के पिता ने उठाए सवाल, बोले-सरकार ने क्यों कराई मेरे निर्दोष बेटे की हत्या

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Mau Encounter: एक लाख के इनामी हनुमान पांडे के पिता ने उठाए सवाल, बोले-सरकार ने क्यों कराई मेरे निर्दोष बेटे की हत्या

एनकाउंटर के बाद हनुमान पांडे के पिता ने उठाए सवाल

नम आंखों से हनुमान के पिता कहते हैं, ‘मैं सरकार (Government) से पूछना चाहता हूं कि मेरे बेटे की हत्या (Murder) कराने के पीछे क्या वजह थी.’

मऊ. एक लाख के इनामी हनुमान पांडे (Hanuman Pandey) उर्फ़ राकेश पांडे (Rakesh Pandey) को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने रविवार सुबह मुठभेड़ (Encounter) में मार गिराया. हनुमान पांडेय के पिता बालदत्त पांडेय ने यूपी पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए है. बालदत्त पांडेय का कहना है कि उस पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं था. जिसका डिसीजन हो चुका है. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर क्यों किया गया. कोई निजी दुश्मनी की वजह से इस प्रकार का वारदात किया गया. पांडेय ने कहा कि क्या कोई निजी दुश्मनी की वजह से इस प्रकार मेरे बेटे हनुमान पांडेय की हत्या किया गया. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.

आर्मी से रिटायर बालदत्त पांडेय ने कहा कि टीवी पर मैंने देखा कि एक लाख के इनामी का एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया हैं. उन्होंने बताया कि हनुमान की मां लखनऊ के केजीएमसी में भर्ती थी. उसी के इलाज और देखभाल के लिए वहां गया था. पिता ने कहा कि हनुमान पांडेय को पुलिस लखनऊ स्थित आवास से शनिवार की रात तीन बजे उठाकर ले गई और एनकाउंटर कर दिया.

योगी सरकार से पूछा सवाल

उनका बेटा अपनी मां का लखनऊ में इलाज करा रहा था. इसी को लेकर आता-जाता रहा. नम आंखों से हनुमान के पिता कहते हैं कि मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि मेरे बेटे की हत्या कराने के पीछे क्या वजह थी. उसके ऊपर 1 लाख का इनाम भी घोषित नहीं था, वो किसी भी गुनाह में गुनाहगार नहीं था. मेरे निर्दोष बेटे की हत्या सरकार ने क्यों कराई.हनुमान और मुख़्तार अंसारी का कनेक्शन

2009 में मऊ जिले में रेलवे ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या में राकेश पांडे और मुख्तार अंसारी पर एफआईआर दर्ज हुई थी. हालांकि दोनों ही लोग इस मामले में कोर्ट से बरी हो चुके हैं, क्योंकि मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह राम सिंह मौर्य और उनके सरकारी गनर की 2010 में हत्या हो जाती है. गवाह ख़त्म तो मामला भी ख़त्म. राम सिंह मौर्य और उनके गनर की हत्या में भी हनुमान पांडे और मुख्तार अंसारी आरोपी बने. ये मामला अभी एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इन दोनों हत्याओं में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा कायम हुआ था जो अभी चल रहा है.



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