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विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके कई साथी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.
बिकरू कांड (Bikeru case) में यूपी पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है. उसने आज चौबेपुर से एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) के साथी राजेन्द्र कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है. वहीं, इसी मामले में मिश्रा के बेटे का एनकाउंटर हो चुका है.
राजेन्द्र कुमार मिश्रा पर था 50 हजार का इनाम
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ब्रजेश श्रीवास्तव के अनुसार, राजेन्द्र कुमार मिश्रा अदालत में सुरक्षित आत्मसमर्पण करना चाहता था, इसी सिलसिले में अपने किसी परिचित से बात करने जा रहा था. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम था. यही नहीं, पुलिस के मुताबिक, मिश्रा का बेटा प्रभात उर्फ कार्तिकेय भी बिकरू कांड का आरोपी है और उसे इस कांड के सप्ताह भर बाद ही हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था. श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर लाते समय कार्तिकेय ने एक पुलिसकर्मी से पिस्तौल छीनकर एसटीएफ टीम पर पर फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद वह पुलिस के हाथों मारा गया था.
पुलिस की सख्ती के बाद मिश्रा ने कबूली ये बातपूछताछ के दौरान शुरुआत में तो राजेन्द्र कुमार मिश्रा ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में कबूला कि तीन जुलाई को पुलिस टीम पर हुए हमले में वह और उसका बेटा शामिल थे. उसने पुलिस को बताया कि वह कानपुर देहात और आसपास के जिलों में कई जगहों पर छिपता रहा. हालांकि वह इस दौरान किसी रिश्तेदार के यहां नहीं गया क्योंकि उसे गिरफ्तारी की आशंका थी. वहीं, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच के दौरान बिकरू कांड में मिश्रा की भूमिका सामने आयी थी और उसके बाद मामले में उसका नाम जोडा गया. जबकि पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) मोहित अग्रवाल ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
बहरहाल, एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस मिश्रा से पूछताछ कर रही है, ताकि पुलिस टीम पर बिकरू में घात लगाकर किये गये हमले में अधिक से अधिक जानकारी हासिल की जा सके. आपको बता दें कि दो और तीन जुलाई की दरम्यानी रात को गैंगस्टर विकास दुबे के यहां दबिश देने गयी पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गयी थी.
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