[ad_1]
हाइलाइट्स:
- फेसबुक ने खास दल से जुड़े नेताओं के नफरत वाले पोस्ट को लेकर सफाई दी
- फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि उनका प्लैटफॉर्म दुनिया में कहीं, किसी से पक्षपात नहीं करता है
- द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में फेसबुक पर बड़ा आरोप लगाया
- अमेरिकी अखबार ने कहा कि भारत में फेसबुक एक वर्ग के लोगों के प्रति नरमी बरत रहा है
भारत में सत्ताधारी दल के नेताओं पर नरमी दिखाने के आरोपों से दबाव में आए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक ने सफाई दी है। फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा है कि यह प्लैटफॉर्म नफरत या हिंसा फैलाने वाले पोस्ट को लेकर नियमों की अनदेखी कभी नहीं करता है। उसने कहा कि इसके लिए दुनियाभर में एक ही मापदंड लागू हैं जिससे किसी भी राजनीतिक दल या अन्य संस्थान या फिर उससे जुड़े व्यक्ति को कोई छूट नहीं दी जाती है।
फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम हिंसा को उकसाने वाले हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं। हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है। हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं। साथ ही हम अपनी प्रक्रियाओं की नियमित रूप से ऑडिंटिंग भी करते रहते हैं।’
अमेरिकी अखबार ने मचाई सनसनी
अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुक ने बीजेपी नेताओं की ‘हेट स्पीच’ वाली पोस्ट्स के खिलाफ ऐक्शन लेने में ‘जान-बूझकर’ कोताही बरती। अखबार का कहना है कि फेसबुक ने विस्तृत योजना के तहत, बीजेपी और कट्टरपंथी हिंदुओं का ‘पक्ष’ लिया। उसके मुताबिक, फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अनखी दास ने स्टाफ से कहा कि ‘बीजेपी नेताओं की पोस्ट्स हटाने से देश में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा।’
रिपोर्ट में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की एक पोस्ट का हवाला दिया गया था जिसमें कथित रूप से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की वकालत की गई थी। WSJ रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक के इंटरनल स्टाफ ने तय किया था कि ‘खतरनाक व्यक्तियों और संस्थाओं’ वाली पॉलिसी के तहत राजा को बैन कर देना चाहिए।
यह भी पढ़ें: WSJ के खुलासे के बाद बीजेपी-कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग
भारत में बना राजनीतिक मुद्दा
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को निशाने पर लिया। इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ‘भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को नियंत्रित करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं और इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है।’
संसदीय समिति तक पहुंचा मुद्दा
देश के सत्ताधारी दल के प्रति पक्षपात का यह मुद्दा इतना गरम हो चुका है कि अब एक संसदीय समिति की तरफ से जांच की बात की जा रही है। केरल से कांग्रेस के सांसद और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी के चेयरमैन शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘मैं इसमें उठाए गए मुद्दों को देखूंगा और निश्चित रूप से जिनका नाम आया है, उनसे जवाब मागूंगा।’
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शनिवार को रिपोर्ट दी थी कि फेसबुक में बीजेपी विधायक राजा सिंह के पोस्ट मौजूद थे जो फेसबुक की कम्युनिटी रूल्स के खिलाफ हैं। इस रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद फेसबुक ने राजा सिंह के पोस्ट को हटा दिया।
[ad_2]
Source link