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हाइलाइट्स:
- यूपी के बलिया जिले के फेफना में पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या
- परिजनों का आरोप, गांव के प्रधान के घर पर बुलाकर ले जाया गया और मारी दी गोली
- पुलिस घटना को पट्टीदारों के बीच आपसी रंजिश का मामला बता रही है
- डीआईजी आजमगढ़ का कहना है कि इस हत्या का पत्रकारिता से संबंध नहीं है
यूपी के बलिया जिले के फेफना में पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सोमवार देर शाम हुई इस घटना से जिले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि मृतक एक पत्रकार था लेकिन इस घटना का पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी तरह से दो पक्षों के बीच भूमि विवाद का मामला है।
जानकारी के मुताबिक, बलिया के एसपी देवेंद्रनाथ ने बताया कि झगड़े के दौरान पट्टीदारों ने पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है। रतन सिंह की हत्या के बाद पत्रकार इंसाफ के लिए परिवारवालों के साथ धरने पर बैठ गए। यह धरना एनएच 31 पर किया गया। परिवारवालों ने मांग की कि फेफना के थानाध्यक्ष को सस्पेंड किया जाए। इस दौरान फेफना थानाध्यक्ष शशिमौली पांडेय को एसपी देवेंद्र नाथ ने निलंबित कर दिया है।
घटना का पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं: डीआईजी
डीआईजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने कहा है कि पुलिस ने मौके से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। हालांकि मृतक एक पत्रकार था लेकिन इस घटना का पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं है। यह मामला पूरी तरह से दो पक्षों के बीच भूमि विवाद के बारे में है।
ग्राम प्रधान के दरवाजे पर रतन सिंह को गोली मारी
पत्रकार रतन सिंह के घरवालों का कहना है कि उन्हें (रतन सिंह) गांव के प्रधान के घर पर बुला कर ले जाया गया और गोली मारी दी गई। वहीं एसपी देवेंद्र नाथ ने कहा कि ग्राम प्रधान के दरवाजे पर रतन सिंह को गोली मारी गई। बताया जाता है कि दिसंबर में पुआल रखने को लेकर विवाद हुआ था। इनके पट्टीदारों में मारपीट हुई थी। अरविंद सिंह और दिनेश सिंह इनके पट्टीदार हैं, जिनमें झगड़ा हुआ था। उस समय केस दर्ज हुआ था और कार्रवाई की गई थी।
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