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चिकनी मिट्टी भरकर बनता था मोबाइल चार्ज करने वाला ‘पावर बैंक’
दिल्ली से कच्चा माल कवर लाकर हापुड़ (Hapur) की फैक्ट्री में नकली पावर बैंक (Mobile Power Bank) बनाने वाली फैक्ट्री का पुलिस ने किया खुलासा. छापेमारी के बाद गिरोह से जुड़े 3 शातिरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार.
जिनके कब्जे से भारी मात्रा में कई कंपनियों के पावर बैंक सहित अन्य उपकरण बरामद हुए है. बरामद पावर बैंक सैमसंग, एमआई, ओप्पो, वीवो कंपनी के है. पिलखुवा पुलिस ने सद्दीकपुरा इलाके के एक मकान में मुखबिर की सूचना पर छापा मारकर ये कामयाबी हासिल की है. मकान पर छापा मारकर हजारों पावर बैंक सहित मोबाइल की पुरानी बैट्री भी भारी मात्रा में बरामद हुई है. पुलिस गिरफ्त में आए शातिरों में से सलमान नाम का शख्स बीएड की पढ़ाई भी कर रहा है और स्कूल में बच्चों को पढ़ाता भी है. वहीं गिरोह के लोग ग्रेजुएट भी है.
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ये लोग नकली पावर बैंक बनाकर वजन बढ़ाने के लिए उसके अंदर चिकनी मिट्टी भरते थे. पुलिस ने 60 किलो चिकनी मिट्टी भी बरामद की है. पावर बैंक को ये लोग लोकल मार्केट सहित देहात के इलाकों में भोले-भाले लोगों को ब्रांडेड कंपनी का पावर बैंक बताकर बेच देते थे. फिलहाल पुलिस की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है.गिरोह के एक आरोपी सलमान ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उन्होंने ये काम शुरू किया था. पावर बैंक के कवर दिल्ली से लेकर आते थे और यहां नकली पावर बैंक बनाकर बेचते थे. इस मामले में पिलखुवा सीओ तेजवीर सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर छापा मारकर ये कार्रवाई की गई है. इनसे भारी मात्रा में ब्रांडेड कंपनियों के पावर बैंक बरामद हुए है. सीओ के मुताबिक 10 से 12 हजार पावर बैंक बनाने का सामान भी बरामद किया गया है.
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