सुदीक्षा भाटी की मौत मामले में गुस्से में मायावती, कहा- दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें यूपी सरकार

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Bulandshahar Latest News: यूपी के बुलंदशहर जिले में मनचलों की छेड़खानी के चलते सुदीक्षा भाटी (Sudeeksha Bhati) ने जान गंवा दी। इस पूरे मामले में आक्रोश जताते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने कहा कि यूपी सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

NBT

बुलंदशहर/लखनऊ

कोरोना महामारी के चलते अपने घर यूपी के बुलंदशहर लौटीं सुदीक्षा सोमवार को चाचा के साथ बाइक से जा रहीं थीं। रास्ते में बुलेट सवार कुछ शोहदों ने छेड़खानी शुरू कर दी। उसी दौरान मनचलों से बचने के चक्कर में गाड़ी गिर गई और सुदीक्षा की मौत हो गई। इंटर में टॉप करने के बाद सुदीक्षा स्कॉलरशिप पर अमेरिका चली गई थीं। इसे पूरे मामले को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अति दुखद और बेहद शर्मनाक बताया है।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार सुबह ट्वीट करके कहा, बुलंदशहर में अपने चाचा के साथ बाइक पर जा रही होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी को मनचलों की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी, जो अति-दुःखद, अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय है। बेटियां आखिर कैसे आगे बढ़ेंगी? यूपी सरकार तुरन्त दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।

यह है पूरा मामला

दरअसल, कोरोना संक्रमण काल में अपने घर लौटीं सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के पास जा रही थीं। वह चाचा के साथ बाइक पर बैठी थीं। रास्ते में ही बुलेट सवार कुछ शोहदों ने छेड़खानी शुरू कर दी। फ्लर्ट के दौरान आरोपी युवक बार-बार बाइक को ओवरटेक कर रहे थे। उसी दौरान मनचलों से बचने के चक्कर में गाड़ी गिर गई और सुदीक्षा की मौत हो गई। सुदीक्षा भाटी ने साल 2018 में इंटरमीडिएट में बुलंदशहर जनपद को टॉप किया था। HCL की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दिए जाने के बाद सुदीक्षा भाटी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में भारत सरकार के खर्च पर पढ़ रही थी।

सपनों का मर जाना…

  • सपनों का मर जाना...

    साल 2018 में सुदीक्षा लोकल अखबारों की सुर्खियों में थीं। उन्‍होंने 12वीं में बुलंदशहर जिला टॉप कर दिया था। दादरी के पास डेरीन स्केनर गांव में रहने वाली दीक्षा की किस्‍मत रातोंरात तब बदली जब उन्‍हें अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से 3.80 करोड़ रुपये की स्‍कॉलरशिप मिली। उनके पिता ढाबा चलाकर परिवार का गुजारा करते थे। बेटी से सबको बड़ी उम्‍मीदें थीं मगर एक हादसे ने सारे सपनों का खून कर दिया।

  • पढ़ने में हमेशा अव्‍वल आती थी सुदीक्षा

    सुदीक्षा बचपन से ही पढ़ाई में खासी तेज थी। 2018 की मीडिया रिपोर्ट्स बतलाती हैं कि कैसे वह कठिनाइयों से जूझते हुए भी तेजी से आगे बढ़ रही थी। उसने 10वीं में भी अमेरिकन स्‍कॉलरशिप हासिल की थी। 12वीं के बाद, उसे बॉबसन कॉलेज ने 100 पर्सेंट स्‍कॉलरशिप पर एडमिशन दिया गया था।

  • सोशल मीडिया पर वायरल हुए विडियो
  • अखिलेश यादव ने किया था सम्‍मानित

    2016 वो साल था जब सुदीक्षा के सपनों को पंख लगे। पेंसिलपवेनिया के एक इंस्‍टीट्यूट ने समर प्रोग्राम के लिए सुदीक्षा को चुना और वो जुलाई में पहली बार विदेश गईं। वह भारत से चुने गए 76 स्‍टूडेंट्स में से एक थीं। उस अनुभव के बाद ही सुदीक्षा ने तय किया था कि वह अमेरिका से आगे की पढ़ाई करेंगी। उन्‍होंने SAT और TOEFL जैसे एग्‍जाम्‍स की तैयारी शुरू कर दी। आखिरकार कामयाबी मिली और 2018 में उन्‍हें फुल स्‍कॉलरशिप पर बॉबसन कॉलेज में एडमिशन मिला। सुदीक्षा को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सम्‍मानित कर चुके हैं।

  • प्राइवेट स्‍कूल छूटा तो सरकारी से की पढ़ाई

    छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी सुदीक्षा ने संघर्ष को जिया था। साल 2004 में उनके पिता ने बिजनेस शुरू किया जो चौपट हो गया। घर में ‘सोनू’ के नाम से बुलाई जाने वाली सुदीक्षा ने दो साल पहले हमारे सहयोगी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत में अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा था, “मेरी स्‍कूल फीस साल भर से नहीं दी गई थी। मैं क्‍लास 2 में टॉपर थी लेकिन मुझे कहा गया कि ट्रॉफी और रिपोर्ट कार्ड तभी देंगे जब फीस चुकाऊंगी। शुरू में तो मैं अपने पिता से बहुत नाराज हुई और न पढ़ पाने के पीछे उन्‍हें दोष दिया। लेकिन कुछ दिन बाद मैंने एक सरकारी स्‍कूल में एडमिशन ले लिया।”

  • 2009 में छोड़ना पड़ा था स्‍कूल

    सुदीक्षा के घर की माली हालत ठीक नहीं थी। पिता छोटा ढाबा चलाते हैं और मां घर संभालती है। साल 2009 में आर्थिक हालात इतने खराब हो गए थे कि सुदीक्षा को स्‍कूल छोड़ना पड़ गया। शायद उसी वक्‍त सुदीक्षा ने तय कर लिया था कि पैसों को कभी रोड़ा नहीं बनने देगी।

  • मायावती ने की कड़ी सजा की मांग

अमेरिका से स्वदेश लौटी थी सुदीक्षा

सुदीक्षा का परिवार गौतमबुद्धनगर के दादरी क्षेत्र का निवासी है। परिजन के मुताबिक कोरोना की वजह से सुदीक्षा अमेरिका से स्वदेश लौटी थी। वह अपने मामा से मिलने जा रही थी। कुछ दिनों के बाद ही उसे वापस अमेरिका पढ़ाई के लिए लौटना था। लेकिन किसी को क्या पता था कि कुछ शोहदों की करतूत की वजह से उसकी मौत हो जाएगी और फिर वह कभी अमेरिका नहीं जा पाएगी। पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अज्ञात बाइकर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर ली गई है। इस घटना से एक बार फिर कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है।

Web Title bulandshahar: mayawati angry in sudeeksha bhati death case, says- up government should take strict action against culprits(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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