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अपनी मांगों को लेकर मंडलायुक्त झांसी कार्यालय पहुंचे बुंदेलखंड के किसान.
बुंदेलखंड (Bundelkhand) के किसानों (Farmers) ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) और सामान्य योजना 2019 (General Scheme 2019) के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार ने बताया कि उत्तर प्रदेश का किसान बदहाल, बेबस और पिछड़ा है. जिसका प्रमुख कारण प्राकृतिक आपदाओं नहीं, बल्कि मानवीय सहायता के वितरण में उदासीनता, संवेदनहीनता व भ्रष्टाचार से परिपूर्ण शासकीय कार्य संस्कृति वाली मानसिकता है. इसी मानसिकता के चलते आज तक समय से पात्र किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. शिवनारायण सिंह परिहार ने किसानों से संबंधित दो प्रमुख समस्याओं का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रदेश सरकार की सामान्य योजना 2019 का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
किसानों को नहीं मिला फसल बीमा का लाभ
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2019 की बीमा प्रीमियम राशि किसानों के खाते से बैंकों व कृषि बीमा कंपनियों द्वारा जमा की गई. लेकिन, अत्यधिक बारिश होने से किसानों की खरीफ फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इस नुकसान के बाद भी, किसानों को प्रधानमंत्री फीसल बीमा योजना का लाभ समय से प्राप्त नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अब भी हजारों किसान इस योजना के लाभ से वंचित है. उन्होंने मांग की है इन वंचित किसानों को अविलंब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाले बीमा लाभी से लाभांवित कराया जाए. साथ में, इस प्रक्रिया को दूषित करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त विधिक कार्रवाई की जाए, ताकि समय से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ मिल सके.रुपए लेकर कह दिया कि योजना ही नहीं है..
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के विद्युत विभाग द्वारा निजी ट्यूबबेल कनेक्शन के लिए सामान्य योजना 2019 जारी की गई थी. जिसमें एक मुश्त राशि एस्टीमेट के आधार पर जमा करने पर निजी ट्यूबवेल कनेक्शन जारी करने को कहा गया. इस योजना के तहत हजारों किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया और एक मुश्त राशि भी जमा कर दी. लेकिन, आज तक उन्हें निजी ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं मिला है. विद्युत विभाग से संपर्क करने पर बताया कि शासन द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि शासन की ऐसी नीतियां किसानों के साथ धोखा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पंजीकृत किसानों को निजी ट्यूबवेल की सामान्य योजना 2009 के तहत ही निजी ट्यूबवेल जारी किए जाए.
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