शिक्षा नीति के तीन भाषा वाले प्रस्ताव पर तमिलनाडु राजी नहीं, कहा- नहीं करेंगे लागू

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तमिलनाडु की एआईडीएमके सरकार ने कहा है कि राज्य अपनी दो भाषा (तमिल और अंग्रेजी) की नीति पर कायम रहेगा। सरकार ने केंद्र से इस नीति पर फिर से विचार करने की मांग की है।

Edited By Shreyansh Tripathi | एजेंसियां | Updated:

ई. पलनिसामी (फाइल फोटो)ई. पलनिसामी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स

  • तमिलनाडु ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्रिभाषा मसौदे किया विरोध
  • पीएम नरेंद्र मोदी से शिक्षा नीति में फिर से संशोधन करने की मांग
  • मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सीएम के.पलनिसामी ने दिया बयान

चेन्नै

तमिलनाडु की एआईडीएमके सरकार ने सोमवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) में प्रस्तावित केंद्र के तीन भाषा के प्रावधान को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में लागू दो भाषा की नीति पर ही अमल किया जाएगा।

एजुकेशन पॉलिसी में तीन भाषा के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री के.पलनिसामी ने कहा कि राज्य में कई दशक से दो भाषा की नीति का पालन किया जा रहा है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने यहां सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु कभी केंद्र की तीन भाषा की नीति का पालन नहीं करेगा।’

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‘दो भाषा की नीति पर रहेंगे कायम’

सीएम ने कहा कि राज्य अपनी दो भाषा (तमिल और अंग्रेजी) की नीति पर कायम रहेगा। उन्होंने कहा, ‘एनईपी में तीन भाषा का फॉर्मूला दुखद और पीड़ादायी है। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को तीन भाषा की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।’ पलानीस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस विषय पर राज्यों को अपनी नीति लागू करने देनी चाहिए।

Web Title tamilnadu not agreed on three language clause of education policy(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
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