शहीद रवि सिंह के अंतिम दर्शन को उमड़ा जन सैलाब, भारत माता की जय से गूंजा मिर्जापुर

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शहीद रवि सिंह के अंतिम दर्शन को उमड़ा जन सैलाब, भारत माता की जय से गूंजा मिर्जापुर

मिर्जापुर में शहीद रवि सिंह के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए भारतीय सेना के जवान रवि सिंह की शव यात्रा में मिर्जापुर में जन सैलाब उमड़ पड़ा.

मिर्जापुर. कश्मीर के बारामुला में 17/18 अगस्त को आतंकवादियों के साथ भारतीय सेना की मुठभेड़ में शहीद रवि सिंह (Martyr Ravi Singh) का आज मिर्जापुर में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. श्रीनगर से पार्थिव शरीर विशेष विमान से बुधवार रात ही वाराणसी (Varanasi) पहुंच गया था. आज सुबह वाराणसी से शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान पैतृक गांव गौरा के लिए निकले. जैसे ही काफिला मिर्जापुर जनपद की सीमा में प्रवेश किया, सड़को के किनारे खड़े बड़ी संख्या में लोग भारत माता कि जय और रवि सिंह अमर रहे के नारे लगाते हुए पुष्प वर्षा करने लगे.

घर में अंतिम दर्शन को हजारों की भीड़ 

रवि की शहादत को लेकर घर पर आक्रोशित लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. हालत यह हो गई कि घर पर अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी. घंटों इंतजार के बाद शहीद रवि सिंह का शव जब घर पहुंचा तो अपने लाल को देख कर हर किसी की आँखे नम हो गईं. घर पर पिता संजय सिंह मां और पत्नी प्रियंका सिंह सहित परिवार के लोगों ने अंतिम दर्शन किया. इस दौरान मां और पत्नी बेहोश हो गईं.

एक झलक पाने को बेताब दिखीं हजारों आंखेंघर की छत चहारदीवारी और सड़कों पर भारी संख्या में भीड़ शहीद का एक झलक पाने के लिए बेताब रही. घर से सेना के जवान शहीद के पार्थिव शरीर को कंधे पर लेकर एक किलोमीटर दूर अंत्येष्टि स्थल रामलीला मैदान ले गए. यहां सलामी के बाद अंतिम संस्कार किया गया.

martyr ravi mirzapur

भारतीय सेना के जवान रवि सिंह कुपवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हो गए. (File Photo)

सरकार की तरफ से परिवार को आर्थिक सहायता दी गई

डीएम सुशील पटेल ने कहा कि अमर शहीद रवि सिंह जिन्होंने न केवल मिर्जापुर का बल्कि राज्य का नाम रोशन किया, उनको नमन करता हूं. शासन की तरफ से जैसा निर्देश था कि 50 लाख रुपए का आर्थिक सहायता दी जाए, वह 18 तारीख की रात ही माता-पिता और पत्नी के अकाउंट में डलवा दिए गए थे. इसके अलावा 2 और निर्देश हैं कि किसी न किसी रोड का नाम अमर शहीद रवि सिंह के नाम से रखा जाना है. इसके अतिरिक्त परिवार के किसी व्यक्ति को नोकरी भी देनी है. उन्होंने कहा कि हम जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कोशिश करेंगे कि यहां का विकास हो सके.



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