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बनारसी साड़ी ने भी किया CHINA को बॉयकॉट
बता दें कि वाराणसी (Varanasi) की अदीबा रफत खान और उद्यमी सर्वेश ने ऐसी बनारसी साड़ी बुनी है. जिसमे पूरी तरीके से भारतीय रेशम का प्रयोग किया है.
बता दें कि वाराणसी की अदीबा रफत खान और उद्यमी सर्वेश ने ऐसी बनारसी साड़ी बुनी है. जिसमे पूरी तरीके से भारतीय रेशम का प्रयोग किया है. अभी तक बनारसी साड़ियों में चाइना से आने वाले रेशम का प्रयोग होता था. लेकिन पिछले दिनो चाइना की नापाक हरकत से एकजुट हुए देशवासियों ने जब बॉयकॉट चाइना का नारा बुलंद किया तो अदीबा के इरादों में भी नया जोश भर गया.
बनारसी रेशम से बनी पहली साड़ी
अदीबा और सर्वेश ने पूरी तरह से भारत में पैदा होने वाले रेशम से बनारसी साड़ी बुनना शुरू किया. इस साड़ी को बुनने में एक महीने से ज्यादा का वक्त लगा. शुद्ध रूप से बनारसी रेशम से बनी पहली साड़ी में जगह जगह बॉयकॉट चाइना का संदेश बुना गया है. यही नहीं, साड़ी के कोने कोने में भी कोनिया बूटा से बड़ी खूबसूरत ढंग से बॉयकॉट का संदेश दिया गया है. वहीं एक दूसरी साड़ी भी बुनी गई है, जिसमे साड़ी के पल्लू पर भारत का नक्शा उकेरा गया है. साथ ही पूरी साड़ी में जय हिंद जय भारत और अशोक चक्र बना हुआ है.पीएम मोदी के सपने को किया पूरा
दोनो ही साड़ियां तिरंगे के रूप मे है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है. इन साड़ियों की प्रदर्शन एमएसएमई में लगाई गई. युवा उद्यमी अदीबा रफत खान ने कहा कि एक आजादी हमने फिरंगियों से मिली थी. अब एक और आजादी की जरूरत है. वो आजादी है- दूसरों पर निर्भरता से आजादी थी. इसी कड़ी में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करते हुए शुद्ध भारतीय रेशम से इन दोनो साड़ियों को बुनकर स्वतंत्रता दिवस पर पेश किया है ताकि चाइना जान जाए, हिंदुस्तान आजाद है और वो उस पर किसी भी चीज के लिए निर्भर नहीं है. वहीं सर्वेश सिंह ने कहा कि इन दोनो साड़ियों को बुनकर हमने अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प और सीख को आगे बढ़ाया है.
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