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बीएचयू में कोरोना संक्रमित मरीजों की सुरक्षा के लिए नए फैसले लिए गए हैं.
बीएचयू (BHU) में दो आत्महत्याओं के बाद कोविड-19 मरीजों को भागने से रोकने के लिए प्रशासन ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत खिड़कियों में जालियां फिट कराई जाएंगीं, वहीं सीसीटीवी से निगरानी होगी और मरीज वार्ड में तालों में बंद रहेंगे.
24 घंटे में दो आत्महत्याओं से मचा हड़कंप
बता दें कि 23 और 24 अगस्त को बीएचयू में 24 घंटे के अंदर आत्महत्या की 2 घटनाएं घटीं, जिसके बाद बीएचयू प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई. मरीज के परिजनों ने बीएचयू पर लापरवाही के आरोप लगाए. वहीं घटना की जानकारी पीएमओ ऑफिस से लेकर सीएम ऑफिस तक ने भी लिया. इसके बाद वाराणसी के जिलाधिकारी ने बीएचयू के कुलपति को पत्र लिखकर मामले में उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो.
मरीजों की देखभाल के लिए केयर टेकर होगामामला तूल पकड़ने के बाद अब बीएचयू प्रशासन ने भी कोविड मरीजों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने की तैयारी की है. जिसमें सुपर स्पेशलिटी सेंटर जो कि इस वक्त कोविड वार्ड बना हुआ है, उसकी सभी खड़कियों में जाली लगाई जाएगी. इसी के साथ ही वार्डों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. यही नहीं मरीजों को देखभाल करने के लिए एक केयर टेकर भी नियुक्त किया जाएगा.
वार्ड के मुख्य दरवाजों पर ताला
खास बात ये हैं कि सभी वार्ड के मुख्य दरवाजे पर अब ताला बंद किया जाएगा. बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने बताया कि मरीजों के सुरक्षा के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. इन सब के अलावा कोविड वार्डों में मरीजों को अकेलापन महसूस न हो, इसके लिए टीवी और समाचार पत्र की भी व्यवस्था की जा रही है.
मरीजों की ये भी है शिकायत
बीएचयू प्रशासन ने मरीजों के सुरक्षा के लिए ये कदम उठाए हैं. लेकिन सवाल ये है कि बीएचयू के कोविड वार्ड पर ये आरोप है कि वार्डो में चिकित्सक प्रवेश ही नहीं करते. तो क्या इस व्यवस्था में इस जिम्मेदारी का भी निर्वहन स्थाई किया जाएगा?
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