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यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) और राजबब्बर (Rajbabbar) के चिट्ठी लिखने से भड़के कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा समेत सभी विधायकों और कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ पूर्व सांसद ने इसका खुला विरोध किया है.
पत्र में लिखी ये बात
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र में लिखा गया है कि “देश भर में फैले पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना के प्रतिनिधि होने का दावा करते हुए चंद नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्षा को तथाकथित रूप से एक पत्र लिखा है. वास्तविकता यह है कि वे तमाम राज्यों के हमारे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते. देश भर में पार्टी कार्यकर्ता पूरी तरह से वाकिफ है कि भाजपा के खिलाफ अपने नेतृत्व के बहादुराना संघर्ष में शामिल लाखों-लाख जमीनी पार्टी कार्यकर्ताओं के संघर्ष से कटे होने के बावजूद ये वही नेता हैं, जिन्होंने पार्टी से सबसे ज्यादा फायदा उठाया है. हमारे प्रतिनिधि बनने का उनका झूठा दावा निहायत गैरजरूरी और नागवार है. हम सबके लिए यह समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एक साथ मिलकर खड़े होने और हमारे संविधान के मूल्यो व लोकतंत्र को नष्ट कर रही शक्तियों सो दो-दो हाथ करने का है. हम इस कर्तव्य को पूरी तरह से निभाएंगे.”
दरअसल, दिल्ली में हो रही कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी से यह बात सामने आई कि राहुल गांधी उन नेताओं पर भड़क गए जिन्हीने नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा. सूत्रों से यह भी बात सामने आई कि राहुल गांधी ने इनपर बीजेपी से सांठगाँठ का भी आरोप लगाया. जिसके बाद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया तो गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि बाद में कपिल सिब्बल ने ट्वीट हटा ली और आजाद की भी सफाई सामने आई. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी या राहुल गांधी ने कभी भी उनसे कुछ नहीं कहा और न ही उन पर कभी बीजेपे से मिलीभगत के आरोप लगाए गए
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