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उन्होंने कहा कि मैं श्रीलंका की 16 स्थानों की पवित्र मिट्टी, 5 समुद्र और 15 नदियों का जल भी लाया हूं. मैं पैदल, साइकिल, ट्रेन, हवाई जहाज से यात्रा करके ये सब लाया हूं. मैंने 1968-2019 तक यात्रा करके ये सब इकट्ठा किया है.
भक्ति पूजन कराने तीन आचार्य आएंगे काशी से
भूमि पूजन कराने के लिए तीन आचार्य काशी से जा रहे हैं और अब भूमि पूजन में नींव के अंदर विराजित होने के लिए वाराणसी से ही सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न जाएंगे. सभी बनकर तैयार हो गए हैं और काशी विद्धत परिषद के महामंत्री और बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ रामनारायण दिवेदी के पास पहुंच गए हैं.
2 brothers, who have collected water from more than 150 rivers, have reached #Ayodhya for foundation laying ceremony of #RamTemple. “Since 1968, we’ve collected water from 151 rivers, 8 big rivers, 3 seas and soil from 16 places of Sri Lanka,” said Radhe Syam Pandey. pic.twitter.com/iBPdbLXT5C
— ANI UP (@ANINewsUP) August 2, 2020
प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी के साथ बीएचयू के ही प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय इनको लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. जहां पीएम मोदी शिलान्यास में विधिवत पूजन अर्चन के साथ इन्हें राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे.
नींव में रखी जाएंगी ये सामग्री
खास बात ये है कि पहले इन सभी को बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा. फिर प्रसाद स्वरूप लेकर जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव में पीएम मोदी इसे स्थापित करेंगे. काशी विद्धत परिषद के महामंत्री प्रो राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न सब तैयार हो गए हैं. अब इन्हें बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर प्रसाद के रूप में अयोध्या लेकर जाएंगे
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