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राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से स्पष्ट किया गया कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान हेतु अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग भाषाओं में छपने वाले भारतीय अखबारों में विज्ञापन दिया जाएगा. विज्ञापन में बैंक का नाम ट्रस्ट का अकाउंट नंबर और बैंक का बारकोड भी होगा जिसके जरिए लोगों को राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने हेतु प्रेरित किया जाएगा
Source: News18Hindi
Last updated on: August 26, 2020, 6:16 PM IST
इसके साथ उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी राम मंदिर की बुनियाद को लेकर कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है. अभी केवल जो मशीनें काम करेंगी, उसके रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाया जा रहा है. जो जीर्ण-शीर्ण हो चुकी हैं, इसके लिए अति प्राचीन सीता रसोई, कोहबर भवन, आनंद भवन, राम खजाना जैसे खंडहर हो चुके मंदिरों को एक के बाद एक हटा दिया जाएगा. इसमें मानस भवन का भी कुछ हिस्सा आता है जहां पर प्रवेश द्वार बनना है उसे भी तोड़ा जाएगा. इन मंदिरों में जो देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा और राम मंदिर निर्माण के समय जो उसके किनारे अन्य मंदिर बनेंगे, इनको उसमें स्थापित किया जाएगा.
अखबारों में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए विज्ञापन
इसके साथ ही ट्रस्ट ने यह भी साफ कर दिया कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान हेतु अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग भाषाओं में छपने वाले भारतीय अखबारों में विज्ञापन दिया जाएगा. ट्रस्ट की ओर से दिए जाने वाले विज्ञापन में बैंक का नाम ट्रस्ट का अकाउंट नंबर और बैंक का बारकोड भी होगा जिसके जरिए लोगों को राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने हेतु प्रेरित किया जाएगा. हालांकि विदेशी नागरिकों के सवाल के जवाब में चंपत राय ने अजीबोगरीब तर्क दिया. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय अभी नहीं, अभी हिंदुस्तान की शक्ति को बाहर आने दो. भारत के बाहर रहने वाले भारतीयों की आत्मा और भावनाओं को जरा उम्र होने दो. दो-तीन महीने में सब ठीक हो जाएगा.

राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अभी राम मंदिर की बुनियाद को लेकर कोई कार्य नहीं हुआ है (फाइल फोटो)
चंपत राय ने कहा कि जब जनता अपने छोटे-छोटे भवन (मकान) बनाने का नक्शा पास कराती है तो हम को भी करना चाहिए. इसमें अनोखी बात कुछ भी नहीं है. कायदे कानून का पालन कर रहे हैं. अब मैं ऐसे ही जानता हूं जब नक्शा पास होता है. हमने दिल्ली कार्यालय के नक्शे पास कराए थे. वो कहता है फायर का नो ऑब्जेक्शन लाओ, आग लगने के लिए बचाव की सब व्यवस्थाएं हैं. वन विभाग की कोई जमीन नहीं है. नजूल की कोई भूमि नहीं है. ऐसे उनके आठ-नौ प्रकार के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट होते हैं तो यहां फॉरेस्ट का कुछ भी नहीं है. अग्निशमन के लिए चारों तरफ लंबी-चौड़ी बाउंड्री बनेगी. सब तरफ से आवागमन रहेगा. इस प्रकार के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने पड़ते हैं, वो हम देंगे. उसको देने के लिए पूरी ड्राइंग चाहिए. मंदिर के चारों ओर मूवमेंट करने के लिए कितनी जगह है उसका सड़क से कितना रिश्ता है देंगे. हम यह यह सामान्य बातें हैं.
नींव खोदने का कोई कार्य नहीं हो रहाट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि नींव खोदने का कोई कार्य नहीं हो रहा है. केवल मंदिर का निर्माण करने में जब मशीनें कार्य करेंगी तो कौन-कौन सी बिल्डिंग बाधक बनेंगी और वो जोड़-तोड़ हैं उसको हटा लो ताकि मशीनों का मूवमेंट फ्री हो जाए उतना ही हो रहा है. सबसे पहले आती है सीता रसोई, जो लगभग 200 से ढाई सौ साल पुराना है. अंदर घुसने में डर लगता है कि गिर ना पड़े. कभी भी गिर सकता है कोहबर भवन, आनंद भवन, राम खजाना टूटा पड़ा है सब, और मानस भवन का भी एक हिस्सा है वहां दरवाजा आएगा. प्रवेश द्वार आएगा इसलिए सब एक-एक कर के हटाए जाएंगे. अब उसमें देवता हैं, वो सुरक्षित रखे जाएंगे और बाद में जब मंदिर बनेंगे तो उसके चारों ओर और भी मंदिर बनेंगे. उसमें इन की स्थापना की जाएगी.
First published: August 26, 2020, 6:16 PM IST
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