राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए BJP प्रत्याशी जयप्रकाश निषाद, CM योगी ने दी बधाई

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राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए BJP प्रत्याशी जयप्रकाश निषाद, CM योगी ने दी बधाई

निर्विरोध निर्वाचित हुए BJP प्रत्याशी जयप्रकाश निषाद

जयप्रकाश निषाद (Jai Prakash Nishad) ने राज्यसभा प्रत्याशी निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सहित सभी बड़े नेताओं को धन्यवाद दिया.

लखनऊ. बीजेपी के प्रत्याशी जयप्रकाश निषाद (Jai Prakash Nishad) राज्यसभा के उपचुनाव (Rajya Sabha byelection) में निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. जयप्रकाश निषाद ने 13 अगस्त को विधान भवन में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उनके खिलाफ किसी ने भी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया था. विधानभवन में सोमवार को निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित जयप्रकाश निषाद को प्रमाण पत्र सौंपा. उधर, सीएम योगी आदित्यना ने जय प्रकाश निषाद जी के निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

भाजपा में गोरखपुर क्षेत्र के उपाध्यक्ष जयप्रकाश निषाद के नामांकन के समय सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ मौजूद थे. जयप्रकाश निषाद ने राज्यसभा प्रत्याशी निर्वाचित होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ सहित सभी बड़े नेताओं को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे पूरा करुंगा. जय प्रकाश निषाद को राज्यसभा भेजकर भाजपा ने अति पिछड़ा कार्ड खेल दिया. यूपी की 80 विधानसभा सीटों पर निषाद वोट बैंक निर्णायक भूमिका में है.

पूर्वांचल में निषादों को अपनी ताकत का एहसास 2018 में तब हुआ जब सपा और बसपा के समर्थन से गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में एक चमत्कार जैसा करते हुए विजय हासिल कर ली. उसके बाद से निषादों को सभी पार्टियां अपने पाले में लाने में जुटी रहीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी भाजपा के साथ आ गई और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पुत्र प्रवीण निषाद भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर सीट से सांसद चुने गए. यूपी में 7 प्रतिशत निषाद वोट

यूपी में निषाद वोट करीब 7 प्रतिशत है. निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट जैसी उपजातियों के नाम से जानी जाती है. 2019 के चुनावों में निषादों को अपने पाले में लाने के लिए प्रियंका गांधी ने निषाद बहुल क्षेत्रों में नाव यात्रा भी की थी. अब सपा और बसपा जैसी पार्टियां अपने कोर वोट बैंक के साथ अगड़ी जातियों पर दांव खेल रही हैं, तो वहीं भाजपा कभी इन पार्टियों के वोट बैंक रहे अतिपिछड़ों पर दांव खेलकर उन्हें अपने पाले में लाने में जुटी हुई है.



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