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इंस्पेक्टर अजय सिंह (बाएं) और विधायक रघुराज प्रताप सिंह (File Photo)
प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में तैनात स्वाट प्रभारी इंस्पेक्टर अजय सिंह की पिछले दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गई थी. उनकी ईमानदारी के चर्चे प्रतापगढ़ के साथ ही अन्य जिलों में भी हैं.
मामले में कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh Raja Bhaiya) ने सीएम योगी से मुलाकात कर मृतक इंस्पेक्टर अजय सिंह को मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख की आर्थिक मदद के साथ ही असाधारण पेंशन स्वीकृत करने की मांग की है. सीएम से मिलने के दौरान राजा भैया ने सीएम को मांग पत्र भी सौंपा, जिस पर सीएम ने हर संभव मदद की बात कही.
क्यों जनता इंस्पेक्टर अजय सिंह के कार्यशैली की थी कायल?
प्रतापगढ़ में स्वाट प्रभारी के रूप में तैनात रहे अजय सिंह 2001 में उपनिरीक्षक बने. अजय चंदौली जिले के खुरुहूजा गांव के रहने वाले थे. इंस्पेक्टर अजय सिंह एक बेटा (14 साल) और एक बेटी (8 साल) अपने पीछे छोड़कर गए हैं. स्वाट प्रभारी अजय सिंह का परिवार प्रयागराज में एक किराए के मकान में गुजर बसर करता है. अजय सिंह के पास एक स्कूटी थी. 16 अगस्त को अजय की मौत के बाद उनके अकाउंट में सिर्फ 926 रुपये होने का दावा किया गया. वहीं, चर्चा है कि अजय सिंह इतने ईमानदार इंस्पेक्टर थे कि बीमा की पॉलिसी भी पैसे के अभाव में टूट गई थी. सैलरी के पैसे से पूरे परिवार की जरूरत पूरी करते थे.पूरी स्वाट टीम के साथ कोरोना संक्रमित हुए थे इंस्पेक्टर अजय
3 अगस्त को पूरी स्वाट टीम की कोरोना का टेस्ट कराया गया, जिसके बाद स्वाट प्रभारी अजय सिंह और उनके टीम के 5 पांच सिपाही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. 7 अगस्त को अजय की तबियत बिगड़ने के बाद प्रयागराज के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी 16 अगस्त को मौत हो गई. उनकी टीम में संक्रमित हुए पांचों सिपाही कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ हो गए हैं.
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