मलेशिया में फंसे मऊ के मजदूरों की हुई वतन वापसी, परिजनों को देखकर छलका आंसू

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मलेशिया में फंसे मऊ के मजदूरों की हुई वतन वापसी, परिजनों को देखकर छलका आंसू

मलेशिया में फंसे मऊ के मजदूरों की हुई वतन वापसी

बताते हैं कि मलेशिया में फंसे मऊ (Mau) के युवक दुर्गेश कुमार, विरेन्द्र कुमार, सुनील सिहं, सुरेश, राधेश्याम, प्रेमचन्द्र शर्मा, दीपक कुमार एक चाइनीज कंपनी में काम करते थे.

मऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मऊ (Mau) इलाके से सात श्रमिकों के मलेशिया में फंसे थे. जिनमें से 5 लोगों की वतन वापसी हुई है. दरअसल श्रमिकों ने वतन वापसी के लिए सोशल मीडिया पर वीडियों के माध्यम से युवकों ने सपा नेता राजीव राय से गुहार लगाया था. जिसके बाद राजीव राय का प्रयास से 5 श्रमिकों की वापसी हो पाई है, बाकि 2 लोगों को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है. अपने गांव पहुंचे श्रमिकों ने परिवार वालों को देखकर आंसू छलक गए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजीव राय और विदेश मंत्रालय को धन्यवाद दिया.

रोजगार की तलाश में गए थे मलेशिया

आपको बता दें कि मऊ जनपद के रहने वाले कई युवा जिसमें दुर्गेश राजभर, प्रेमचन्द, राधेश्याम, सुरेश, सुनील, कुल 10 युवक जनपद से रोजगार की तलाश में मलेशिया गये थे, जहां उनसे बंधुआ मजदूरी कराने का काम किया जा रहा था. बंधुआ मजदूरी करने वाले सभी युवाओं ने जिले के जनप्रतिनिधियो से गुहार लगाया कि वह मलेशिया में नौकरी करने आये हुए और यहां पर उनसे बंधुआ मजदूरी कराने का काम किया जा रहा है.

‘चाइनीज कंपनी में करते हैं काम’बताते हैं कि मलेशिया में फंसे मऊ के युवक दुर्गेश कुमार, विरेन्द्र कुमार, सुनील सिहं, सुरेश, राधेश्याम, प्रेमचन्द्र शर्मा, दीपक कुमार एक चाइनीज कंपनी में काम करते थे. लेकिन उन्हें कुछ महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें घर वापस भेजने के लिए भी कोई पहल नहीं किया जा रहा है. उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है. इस समस्या को लेकर युवकों ने वीडियो भेजकर कई जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई थी.

वीडियो में युवकों ने बताया कि वे मलेशिया में फंसे हुए हैं. इंडियन एम्बेसी में शिकायत किया गया है, लेकिन कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रहा है. कंपनी के मैनेजर ने बोला है कि पीएम, सीएम सहित चाहे जहां शिकायत कर लो, कंपनी छोड़ने वाली नहीं है. वीडियो के माध्यम से ही युवकों ने बताया कि जिले के कई नेताओं से भी गुहार लगाया गया था.



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