भारत ने रूस में होने वाले बहुपक्षीय युद्धाभ्यास कावकाज-2020 में जाने से मना किया

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नई दिल्ली
ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। सैनिक डटे हुए हैं और गतिरोध लंबा चलने के आसार लग रहे हैं। ऐसे में दोनों देशों को रूस की तरफ से मिलिट्री एक्सरसाइज में शामिल होने का इनवाइट आया। अब भारत ने इस एक्सर्साइज में जाने से मना कर दिया है।

चीन भी एक्सर्साइज का हिस्सा है और भारत नहीं चाहता कि एलएसी में तनाव के बीच भारत के सैनिक चीन के साथ एक्सर्साइज करें। साथ ही इस एक्सर्साइज में जॉर्जिया से अलग हुए दो रीजन साउथ ओसेतिया और अबक़ाजिया भी शामिल हो रहे हैं। भारत के मना करने की एक वजह यह भी है।

रूस में अगले महीने ट्राई सर्विस (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) एक्सर्साइज होनी है। 15 सितंबर से 26 सितंबर तक Kavkaz 2020 स्ट्रैटजिक कमांड पोस्ट एक्सर्साइज साउथ रूस में अस्त्रखान में होगी।

भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक पहले भारत की तरफ से इसमें भागीदारी होनी थी। तय किया गया था कि भारत की तरफ से करीब 175 सैनिकों का दस्ता इसमें शामिल होगा इसमें आर्मी के ज्यादा सैनिक होंगे, नेवी और एयरफोर्स के सैनिक भी रहेंगे। इस एक्सर्साइज के लिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के देशों के अलावा ईरान, टर्की सहित करीब 18 देशों को शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है।

एससीओ आठ देशों का संगठन है जिसमें भारत और पाकिस्तान 2017 में फुल मेंबर बने हैं। एससीओ में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। अब भारत ने इस एक्सर्साइज में शामिल होने से मना कर दिया है।

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