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सामाजिक संगठन ने कई गंभीर आरोप लगाए.
शहर के एक सामाजिक संगठन (Social Organization) का आरोप है कि रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस (Post mortem House) में लावारिस रखे शवों के साथ लापरवाही हो रही है.
मामला झांसी के रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के अंदर बने पोस्टमार्टम हाउस का है. इसके अंदर रखी लावारिस लाशें स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के चलते सड़ रही हैं. शवों में कीड़े पड़ रहे हैं. लाशों को जंगली जानवर नोच रहे हैं. झांसी के मऊरानीपुर तिराहे पर दो बाइक पर सवार चार लोग बुजुर्ग महिला की अस्थियों को बेतवा नदी में प्रवाह करने के लिए ले जा रहे थे. इन लोगों का कहना है कि आरटीओ कार्यालय के पास झलकारी बाई अपार्टमेंट के नीचे एक 90 साल की बुजुर्ग महिला उम्र के अंतिम पड़ाव में भीख मांग कर अपना जीवन बता रही थी. झांसी की एक सामाजिक संस्था की नजर इस बुजुर्ग महिला पर पड़ी. उसके बाद झांसी के इस सामाजिक संगठन ने इस महिला की देखभाल करना शुरू कर दिया.
लापरवाही या……
बीमार बुजुर्ग महिला का सामाजिक संगठन ने इलाज कराया. पास के ही एक ढाबे से बुजुर्ग महिला का खाने का टिफिन भी बंधवा दिया. तीन दिन पहले अचानक इस महिला की मौत हो जाती है. बुजुर्ग महिला की मौत की सूचना मौके पर मंडी चौकी इंचार्ज पहुंचे. शव को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने से पहले मंडी चौकी इंचार्ज ने फ़ोटो खींचे. इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस के कर्मी को बुलाकर शव का पोस्टमार्टम करवाया. पोस्टमार्टम के बाद शव को असुरक्षित तरीके से पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया. बताया जा रहा है कि तीन दिन तक लावारिस लाशों को रखा जाता है. इसके बाद जब कोई नहीं आता है तब उनका अंतिम संस्कार किया जाता है.ऐसा है पोस्टमार्टम हाउस का हाल
पोस्टमार्टम हाउस में बुजुर्ग महिला का शव तीन दिन तक अस्त-व्यस्त हाल में पड़ा रहा. शव में कीड़े पड़ गए. महिला की आंखों को चूहे खा गए. तीन दिन बाद जब बुजुर्ग महिला के शव का कोई वारिस नहीं आया तब मंडी चौकी इंचार्ज ने सामाजिक संस्था को बुलाकर शव को उसके हवाले करने के लिए फोन किया. पुलिस चौकी पहुंचने के बाद सामाजिक संगठन के सदस्यों को पोस्टमार्टम हाउस में जाने को बोला गया. महिला के शव को जब सामाजिक संगठन के हवाले किया गया लोगों की आंखें बंद हो गई. बुजुर्ग महिला का शव पूरी तरह से सड़ चुका था. शव से दुर्गंध आ रही थी.
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क्या कहना है सामाजिक संगठन का
सामाजिक संगठन के लोगों का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस में ऐसा सलूक किसी एक शव के साथ नहीं बल्कि वहां रखे तमाम शवों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कीड़े पड़ गए थे. या तो उनको जंगली जानवर नोच रहे थे. वहीं इस बाबत सामाजिक संगठनों का यह भी आरोप है कि शव को रिलीज करने के एवज में पोस्टमार्टम हाउस में उनसे तीन हजार वसूले गए. वहीं सीएमओ जीके निगम का कहना है कि शव को रिलीज करने के एवज में पोस्टमार्टम हाउस में पैसे मांगने की बात पूरी तरह से गलत है. फिलहाल पोस्टमार्टम हाउस में शवों की हो रही बेकद्री ने जिले के स्वास्थ्य विभाग से लेकर झांसी जिला प्रशासन पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है.
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