पुलवामा जांच ने भारत की बात सही साबित की, पाकिस्तान में बैठे आकाओं पर लेगा एक्शन

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नई दिल्ली
भारत ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले की जांच ने इस बात को साबित कर दिया है कि पाकिस्तान आतंक का पनाहगार है। भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है कि वह पुलवामा हमले के दोषियों को सजा दिलाकर रहेगा। विदेश मंत्रालय ने यह कड़ी चेतावनी गुरुवार को तब दी जब 14फरवरी, 2019 को आंतकी हमले की जांच कर रही जांच एजेंसी ने इसी हफ्ते चार्जशीट दायर किया है।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि भारत पूरी कोशिश करेगा कि इसमें जो भी दोषी है उसे सजा के अंजाम तक पहुंच जाएगा। अपरोक्ष रूप से भारत ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि आतंकी हमले में जो भी पाकिस्तान के आतंकी शामिल हैं,उन्हें भारत के हवाले करना ही होगा। इस आतंकी वारदात की जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। यह आतंकी संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है। संगठन के आका मसूद अजहर कई बार पाकिस्तान में संरक्ष्रण में दिख चुका है। भारत ने कहा कि 2008 में मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को पाकिस्तान से कोई सजा नहीं दी है जिसें 165 लोगों की मौत हुई थी।

पाकिस्तान ने फिर रंग दिखाया
वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दाऊद अब्राहम मामले में पाकिस्तान ने अपना रंग फिर दिखा दिया है। विदेश मंत्रालय ने यह बात तब कही जब दाऊद अब्राहम मामले में पाकिस्तान ने पलटते हुए कहा कि वह उसके मुल्क में नहीं है जबकि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने आतंकी लिस्ट में उसे दिखाया था। भारत ने कहा कि इससे फिर साबित हो गया कि पाकिस्तान किस तरह आतंक के मामले में दोहरी चाल चल रहा है और विश्व समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करता रहा है।

विदेश मंत्री ने सभी सीमा विवादों के संदर्भ में बात कही

उधर, चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने फिर दोहराया है कि चीन समझौते का सम्मान करेगा और सीमा पर डिसइंगेजमेंट प्रकिया को यत सीमा के अदंर पूरा करेगा। भारत ने यह भी कहा कि विवाद का हल निकालने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तर पर प्रक्रिया जारी रहेगी। वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक इंटरव्यू में सीमा विवाद के संदर्भ में जो बात कही वह हर सीमा के लिए एक सामान्य बात थी जिसे चीन सीमा से ही अकेला जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। विदेश मंत्री ने उस इंटरव्यू में कहा था कि सीमा विवाद कूटनीतिक विवादों से ही सुलझता है। यह बात सीडीए विपिन रावत के बयान के ठीक अगले दिन आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अब कूटनीतिक विवाद से हल नहीं निकलता है तो सैन्य ऑपरेशन का विकल्प खुला है।

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