[ad_1]
तीन तलाक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई
2019 में 532 तीन तलाक के मामले विचाराधीन थे.
2020 में 587 मामले विचाराधीन हैं.2019 में पुलिस ने निपटाए तीन तलाक के 151 मामले.
2020 में 114 तीन तलाक के मामले निपटाए गए.
2019 में तीन तलाक के कुल 710 मामले सामने आए.
ये भी पढ़ें : इन अस्पतालों में शुरू हो गया है मोबाइल OPD, यहां जानें कैसे उठा सकते हैं फायदा
Online Fraud करने को इस महिला से किराए पर अकाउंट लेते थे इंटरनेशनल गैंग
2020 में तीन तलाक के 724 मामले सामने आए.
आगरा पुलिस ने एक साल में सबसे ज़्यादा 310 मामले दर्ज किए.

एक साल में तीन तलाक के मामले.
आगरा पुलिस 132 केस में आरोप पत्र दायर कर चुकी है.
कानून लागू होते ही मथुरा में हुई थी पहली एफआईआर
भारतीय संसद के दोनों सदनों ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया था. पिछले साल 30 जुलाई को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीन तलाक कानून अस्तित्व में आया. तीन तलाक कानून के तहत उत्तर प्रदेश में पहली एफआईआर 2 अगस्त, 2019 को मथुरा में दर्ज की गई थी.
तीन तलाक कानून से ऐसे मिली राहत
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत तीन बार एक साथ तालक, तलाक, तलाक बोलना अपराध माना गया है. लिखित, मेल, एसएमएस, वॉट्सऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैट के माध्यम से तीन तालक देना अब गैरकानूनी है. इस कानून के तहत दर्ज मामलों में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक सजा का प्रावधान है, साथ ही पीड़ित महिला और अपने और आश्रित बच्चों के लिए पति से मेंटीनेंस (भरण-पोषण) लेने की भी हकदार है.
[ad_2]
Source link