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…जब दंगाई के सामने ठांय-ठांय करती रह गई बाराबंकी पुलिस
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि जब किसी विरोध प्रदर्शन में भीड़ उग्र हो जाती है तो वहां हमें संयमित बल का प्रयोग करना पड़ता है.
पहले और तीसरे पुलिसकर्मी ने फायर किया तो गोली ठीक निकली और दोनों ने राहत की सांस ली. लेकिन जब दूसरे और चौथे पुलिसकर्मी ने रबर बुलेट फायर की तो दोनों की फायर पहली बार मिस हुई.
बाराबंकी पुलिस के लिए मुश्किल उस वक्त खड़ी हो गई जब तमाम कोशिशों के बावजूद रबर बुलेट की गोली दोबरा में भी फायर ही नहीं हुई और यह पूरी घटना मीडिया के कैमरे में कैद हो गई. जिसके चलते बाराबंकी पुलिस का यह मॉक ड्रिल कार्यक्रम चर्चा का विषय बन गया.
ये भी पढे़ं- Honour Killing : महिला आरक्षी के सामने बाप, भाई और मामा ने काट डाला उसके पति कोसवाल उठ रहे हैं कि अगर पुलिस को किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान यही आंसू गैस का गोला चलाना पड़ता तो क्या होता. वहीं बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि जब किसी विरोध प्रदर्शन में भीड़ उग्र हो जाती है तो वहां हमें संयमित बल का प्रयोग करना पड़ता है. हमारे पास लाठी के अलावा कुछ और उपकरण भी होते हैं. जिनसे हम भीड़ पर काबू पा सकते हैं. आज उसी की प्रक्टिस हो रही थी, जिसमें जिले के सभी आलाधिकारी मौजूद रहे. जबकि बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए हम लोगों ने मॉक ड्रिल की, जिसमें पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी भी मौजूद रहे.
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