आर्टिकल 370 हटाने की वर्षगांठ पर पाकिस्तान फिर रच रहा है प्रोपेगेंडा वाली साजिश

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इमरान खान (फाइल फोटो)इमरान खान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली

पाकिस्तान एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मसले को ग्लोबल स्तर पर उठाने और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने की साजिश रच रहा है। इसके तहत मंगलवार से दो दिनों तक लगातार दो दिनों तक इस मामले को उठाने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने की घटना बुधवार को ठीक एक साल पुरानी हो जाएगी। पाकिस्तान की हताशा यह है कि दो दिनों तक सरकारी स्तर पर यह कार्यक्रम कर रहा है जब देश कोरोना संकट से गुजर रहा है।

पाकिस्तान को भारत से मिला था करार जवाब

एक साल पहले भी पाकिस्तान की इस कोशिश को अधिक तवज्जो नहीं मिली थी लेकिन उसे जब भी मौका मिला है, इस मसले को ग्लोबल फोरम पर उठाने की असफल कोशिश की है। लेकिन पाकिस्तान के इन प्रोपेगेंडा के बीच भारत सतर्क है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उसकी पाकिस्तान की हरकतों पर नजर है और उसकी मंशा छिपी नहीं है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा के लिए अलग से तैयारी नहीं की है लेकिन सूत्रों के अनुसार पुराने अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार भारत पाकिस्तान के हर झूठ को एक्सपोज करेगा।

कश्मीर पर पाकिस्तान लगातार कर रहा है प्रोपेगेंडा

पिछले साल 5 अगस्त को कश्मीर से 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान ने तीन-चार महीने तक लगातार प्रोपेगेंडा जारी रखा था। हालांकि भारत ने तब पाकिस्तान की बातों को पूरी तरह इग्नोर करने की रणनीति बनाई थी। आर्टिकल 370 को हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने इस मुद्दे को ग्लोबल मंच पर लाने की कोशिश करते हुए युद्ध तक की धमकी तक दे थी। लेकिन भारत ने पूरे प्रकरण को देश का आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा केा इग्नोर करने का स्टैंड लिया था। हालांकि तब भी चीन की ओर से इस मामले पर आपत्ति दर्ज करने पर भारत ने विनम्रता पूर्वक उसे सख्त संदेश दे दिया गया था कि भारत दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं करता है तो यही अपेक्षा दूसरे देश से भी

करता है।

चीन को भी भारत ने दिया सख्त संदेश

मालूम हो कि तब चीन ने आर्टिकल 370 के हटने के बाद आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि भारत को उस इलाके में तनाव कम करने के लिए एसे फैसले नहीं लेने चाहिए। साथ ही लद्दाख के केंद्र शासित बनने पर भी आपत्ति दर्ज की। हालांकि प्रोपेगेंडा के बाद भी पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सार्वजनिक तौर पर माना था कि इस मसले पर ग्लोबल समुदाय का सपोर्ट नहीं मिला था। यूएन तक ले जाने की कोशिश की थी लेकिन वहां भी इस भारत का आंतरिक मामला बताया गया।

लेकिन जिस तरह पाकिस्तान ने एक के बाद एक झूठ बोले और इसके लिए गलत तथ्यों का सहारा लिय,भारत को ग्लोबल समुदाय के सामने सही बात बतानी पड़ी थी

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