आगरा: पांच साल की बेटी ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम, लॉकडाउन में दाने-दाने को मोहताज हुआ परिवार

[ad_1]

आगरा: पांच साल की बेटी ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम, लॉकडाउन में दाने-दाने को मोहताज हुआ परिवार

लॉकडाउन में दाने-दाने को मोहताज हुआ परिवार

प्रशासन ने मौत का कारण बीमारी बताया है और यह भी माना है कि परिवार की आर्थिक हालात ख़राब है. बच्ची की मौत के बाद प्रशासन ने 50 किलो आटा, चावल सहित अन्य राशन उपलब्ध कराया है.

आगरा. ताज नगरी आगरा (Agra) में लॉकडाउन (Lockdown) और अनलॉक (Unlock) से जूझता एक परिवार दाने-दाने को मोहताज है. इतना ही नहीं इलाज के अभाव में 5 साल की बच्ची सोनिया की डायरिया से मौत ने इस परिवार को तोड़ कर रख दिया है. सात दिन से परिवार दाने-दाने को मोहताज था. घर में खाने को एक दाना नहीं था. ऊपर से लाडली की मौत का शोक यह परिवार भूखे-प्यासे ही मना रहा था. हालांकि प्रशासन को सूचना मिली तो घर में राशन पहुंचाया गया. प्रशासन ने मौत का कारण बीमारी बताया है और यह भी माना है कि परिवार की आर्थिक हालात ख़राब है. बच्ची की मौत के बाद प्रशासन ने 50 किलो आटा, चावल सहित अन्य राशन उपलब्ध कराया है.

दिल झकझोर देने वाला यह मामला आगरा नगला विधिचंद बरौली अहीर ब्लॉक की है. यहां शांति देवी अपने परिवार के साथ रहती हैं, उनकी दो बेटी और एक बेटा था. शांति देवी के पति पप्पू को सांस की बीमारी है, औए वह खुद मजदूरी करती हैं. उन्हें भी लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में उनकी पांच साल की बेटी सोनिया की तबीयत बिगड़ गई. घर में पैसे नहीं थे. इलाज भी नहीं हो पाया. इलाज और भूख की वजह से सोनिया की मौत हो गई. मौत के बाद परिवार भूखे-प्यासे शोक मना रहा था. इसकी खबर पाकर प्राशासन राशन लेकर पहुंचा. घर पर कई दिनों से राशन का संकट था.  प्रशासन की टीम पहुंची और 50 किलो आटा, चावल सहित अन्य राशन उपलब्ध कराया.

बिजली भी कटी, राशन कार्ड भी नहीं

उधर 6000 बिजली का बिल बक़ाया होने की वजह से घर की बिजली भी कट चुकी है. राशन कार्ड न होने की वजह से राशन भी नहीं मिला. बच्ची की मौत से टूट चुके ग़मज़दा परिवार की ग़रीबी के बाद भी राशन कार्ड तक ना बनना सिस्टम की विफलता की कहानी कहता है. हालांकि कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है.प्रधान ने कही ये बात

उक्त मामले में प्रधान राजेन्द्र सिंह का कहना है कि उनके पास जो भी राशन कार्ड के लिए आया है, उसने खुद उनके प्रार्थनापत्र पर मोहर लगवाकर उनके कागज जमा करवाये हैं. हालांकि, इस परिवार के बारे में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वे परिवार से मुलाकात कर उनकी हरसंभव मदद का प्रयास करेंगे.



[ad_2]

Source link

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *